डेली हिमाचल न्यूज़ – शिमला – शिमला संसदीय सीट से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी ने शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपस्थिति में नामांकन पत्र दाखिल किया। इसके बाद चौड़ा मैदान में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने भाजपा और दागियों पर ताबड़तोड़ हमले किए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के छह दागी नेता धनबल से बिक गए और पार्टी के खिलाफ बगावत की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बजट 2024-25 प्रस्तुत करने के बाद सभी दागी नेता सरकार की प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन जब भरे हुए अटैची नजर आए तो राजनीतिक मंडी में बिक गए और दूसरी किश्त पाने के लिए पंचकूला भाग गए। उन्होंने कहा कि हम अटैची वाले नहीं हैं, बल्कि जनबल वाले हैं। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई सरकार या मुख्यमंत्री पद को बचाने की नहीं है, बल्कि जन भावनाओं की खरीद-फरोख्त करने वालों को सबक सीखने की है। भाजपा नेताओं ने धनबल के माध्यम से सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा था और यह चुनाव भविष्य की राजनीति को तय करेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की जनता इन चुनावों में भाजपा को हराकर पूरे देश के सामने एक उदाहरण पेश कर खरीद-फरोख्त की राजनीति को करारा जवाब देगी। भाजपा ने राज्यसभा की एक सीट को चुराया है, लेकिन प्रदेश की जनता लोकसभा की चारों सीटें कांग्रेस को देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुक्खू सरकार की फिल्म अभी साढ़े तीन साल और चलेगी। इसके बाद वर्ष 2027 में इसका पार्ट-टू भी आएगा। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने विधानसभा में खड़े होकर भगवान को चुनौती दी और कहा कि इस सरकार को भगवान भी नहीं बचा सकता। लेकिन लोकतंत्र में जनता ही भगवान होती है और जनता ने ही इस सरकार को बचाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने प्रदेश की संस्कृति को कलंकित करने का गुनाह किया है, जिसकी सजा उसे मिलकर रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार नशा माफिया, भू-माफिया और खनन माफिया के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिना किसी राजनीतिक लाभ के मंशा के सरकारी कर्मचारियों को पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन दी, ताकि वह स्वाभिमान के साथ अपना बुढ़ापा जी सकें। जबकि जयराम ठाकुर ने पुरानी पेंशन मांगने पर कर्मचारियों को विधायक का चुनाव लड़ने की चुनौती दी।