
डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर – ऋषि शुकदेव की धरा पर पांच दिनों तक विराजमान होने के उपरांत सैंकड़ों देवी-देवता अपने देव स्थलों के लिए वापिस लौट गए हैं। चैत्र नवरात्रि की पंचमी को शुरू हुए राज्यस्तरीय सुकेत देवता मेले की जातर बुधवार को रामनवमी के अवसर पर विधिवत रूप से निकाली गई। इस मौके पर महामाया मंदिर से राजे के बेहड़े होते हुए जवाहर पार्क तक भव्य शोभायात्रा निकाल कर मेले का समापन हो गया। इस अवसर पर एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने शाही जलेब में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उनके साथ एसडीएम एवं मेला कमेटी के अध्यक्ष गिरीश समरा और तहसीलदार अंकित शर्मा तथा बीडीओ विवेक चौहान भी मौजूद रहे। इससे पहले महामाया मंदिर के प्रांगण में सुकेत रियासत के सभी देवी-देवता सुबह से ही एकत्रित होने शुरू हो गए थे। दोपहर बाद तक मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की पूजा अर्चना और दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ी रही। मुख्यातिथि के पहुंचने पर मेला समिति की ओर से पगड़ी पहनाने की रस्म अदा की गई। मुख्यातिथि ने देवी-देवताओं की पालकी को उठाकर शाही जलेब की अगवाई की। इसमें सर्वप्रथम नवरात्रि कन्याएं, पालकी देवी महामाया, देवताओं में पहले स्थान पर बड़ा देव कमरूनाग, तीसरी पालकी माता कामाक्षा जयदेवी,देव मूल माहुंनाग की अगवाई में सुकेत रियासत के तमाम देवी-देवताओं ने शिरकत की और शाही जलेब की शोभा बढ़ाई। देवी-देवताओं ने मुख्यातिथि संग राजमहल में हाजिरी लगाई। जलेब महामाया मंदिर से लेकर ललित चौक, लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह चौक, सिनेमा चौक, भोजपुर बाजार से होते हुए मेला स्थल जवाहर पार्क पहुंची।
एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने कहा कि राज्यस्तरीय सुकेत देवता मेले का विधिवत समापन हो गया है। उन्होंने कहा कि इस देव समागम के समापन अवसर पर शिरकत करना सौभाग्य का विषय है। देवी-देवताओं द्वारा सुंदरनगर की धरा पर पधारने से लोगों को आशीर्वाद प्राप्त होगा। इससे हमेशा क्षेत्र में सुख समृद्धि रहेगी।


Author: Daily Himachal News
