डेली हिमाचल न्यूज़ : सुंदरनगर – मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के धवाल ग्राम पंचायत में मनोग गांव में ग्रामीण पेयजल के लिए भटक रहे है। गांव में जल शक्ति विभाग की पीने के पानी की लचर व्यवस्था ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हिमाचल प्रदेश में परिवर्तन के दावों की भी पोल खोल कर रख दी है। मनोग गांव में अधिकतर आवादी दलित और गरीब परिवारोें से तालुक रखते है। गांव में 3 माह से पीने का पानी सप्लाई नहीं की जा रही है। जबकि विभाग के स्थानीय कर्मचारियों ने गांव में पीने के पानी की बेहतर व्यवस्था की है। पेयजल के वितरण के लिए पाइन लाइनेें भी बड़े साइज की लगाई गई है। लेकिन पीडित गांव का दर्द है कि इनके पूरे गांव को आधी क्षमता का एक पाइप लगाया गया है। जिससे पूरे गांव को जोड़ा गया है जिसमें सर्दी और बरसात के सीजन में भी पानी नहीं मिल पाता। यहां एक वाटर स्टोरेज के टैंक का भी निर्माण किया गया है। जिस पर कागजों में लाखों का खर्च दर्शाया गया होगा। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कई सालों से इस टैंक में पानी की एक बूंद भी नहीं डाली जा रही है। टैंक की गुणवता के कारण इसकी हालत बदतर हो चुकी है। मजबूर होकर ग्रामीणों को नदी से सिर पर उठा कर पानी लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि समस्या को लेकर विभाग के कांगू स्थित शिकायत कक्ष में भी कंप्लेंट की गई है तथा यहां तैनात कनिष्ठ अभियंता से भी गुहार लगाई गई है। लेकिन फिर भी समस्या का हल नहीं हो पाया।
ग्रामीणों ने दी जलभवन में धरना देने की चेतावनी :
धवाल पंचायत के मलोग निवासी पौउशु राम, बेली राम, कृष्णु राम, लाला राम, बालक राम, शेर सिंह, देश राज, जोगिंद्र, हंस राज, इंद्रा देवी, निशा देवी, अजय, विजय, रोशनी देवी, श्यामी देवी, प्रेमी देवी, गुरदेई, काला राम, नीरो देवी, रवि, सुनिता, लक्ष्मी, प्रिया, ज्ञान चंद, संजय, पच्चु देवी, ममता, पंकज, प्रियंका और सत्या देवी ने एसडीएम को लिखे पत्र में पीने के पानी उपलब्ध करवाने की मांग की है। ग्रामीणों ने जलभवन में धरना देने की चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी तीन दिनों में विभाग हरकत में नहीं आया तो ग्रामीणों महिलाएं और पुरूष खाली बर्तन के साथ सुंदरनगर स्थित उच्च अधिकारियों के समक्ष धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
क्या कहता है जल शक्ति विभाग :
इस मामले में जल शक्ति विभाग के सुंदरनगर स्थित अधिशाषी अभियंता ई. रजत शर्मा ने कहा कि समस्या ध्यान में लाई गई है। शीघ्र ही निवारण किया जाएगा।