डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते मंडी जिला के सुंदरनगर और भंगरोटू में स्थित वृद्ध आश्रमों की वित्तीय स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार की ग्रांट के नहीं मिलने से संचालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दानी सज्जनों के सहयोग और संचालकों द्वारा अपने स्तर पर एक वर्ष में करीब 21 लाख रूपये की राशि भोजन, वृद्धोंं की दवाईयों, कर्मचारियों के वेतन और अन्य संसाधनों पर व्यय की जा चुकी है। शनिवार को आश्रम में पत्रकारों से बातचीत में देहरी वृद्ध आश्रम के प्रधान डा. पदम सिंह गुलेरिया और बल्ह वैली कल्याण सभा वृद्ध आश्रम के प्रधान डा. दिनेश वशिष्ट ने बताया कि सरकार की ओर से मिलने वाली करीब साढ़े दस लाख रूपये की ग्रांट मार्च और सितंबर के माह में आती थी। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी यह ग्रांट नहीं मिल पाई है। 80 प्रतिशत ग्रांट की राशि के साथ 20 प्रतिशत की राशि आश्रम द्वारा व्यय की जाती है। उन्होंने कहा कि दोनों आश्रमों में वर्तमान में 23-23 वृद्धजन रहते हैं। वृद्धों की देखरेख के लिए देहरी में नौ और भंगरोटू में छह कर्मचारी कार्यरत हैं। देहरी में छह कर्मचारी सरकार द्वारा और तीन आश्रम द्वारा अपने स्तर पर रखे गए हैं ताकि वृद्धजनों की सेवा कार्य में कोई विलंब या त्रुटि न रहे। आश्रम के रसोइए और सहायक को चार-चार हजार रूपये और अन्य सहायक को 3200 रूपये वेतन के रूप में दिए जाते हैं। यह वेतन सरकार द्वारा 2011 के बनाए नियमों के हिसाब से दिया जाता है। लेकिन इतने कम वेतन पर काम करने में अब कर्मचारी भी असमर्थ हैं। आश्रम के कुछ वृद्ध ऐसे हैं जिन्हें हर कार्य के लिए एक कर्मचारी पर ही निर्भर रहना पड़ता है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इन कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेजिज पर वेतनमान देने के साथ आश्रम की अन्य समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की मांग की है। इस अवसर पर आश्रम के सदस्य रोशन लाल शर्मा और कर्म सिंह मिन्हास भी मौजूद रहे।