चैब्रो नस्ल की मुर्गियां पालने से किसानों की कमाई हुई दोगुनी, हिम हैचरी सुंदरनगर 6 जिलों में वितरित कर रहा चैब्रो नस्ल के चूजे…!!!

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – सुंदरनगर

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हिम हैचरी सुंदरनगर में चैब्रो नस्ल के एक दिवसीय चूजों का उत्पादन और साथ ही राज्य के 6 जिलों में चूजों का वितरण भी किया जाता है। यह 6 जिलें है मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा और चंबा। किसानों को 31 रुपये प्रति चूजा (सब्सिडाइज्ड रेट) की दर से चूजे उपलब्ध कराए जाते हैं। सुंदरनगर में हैचरी की स्थापना 1981 में हिमाचल प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण चूजों की मांग को पूरा करने के लिए की गई थी। शुरुआत में पशुपालन विभाग ने सेंट्रल पोल्ट्री ब्रीडिंग फार्म, हेसरघट्टा (कर्नाटक) से एचएच-260 स्ट्रेन खरीदा लेकिन यह स्ट्रेन किसानों के बीच लोकप्रिय नहीं हो सका। इसलिए विभाग ने वेंकटेश्वर हैचरीज लिमिटेड पूणे से बीवी-300 स्ट्रेन्स खरीदने का फैसला किया।

वर्तमान में विभाग किसानों को दोहरे उद्देश्य वाले चूजों की आपूर्ति के उद्देश्य से केंद्रीय प्रायोजित बैकयार्ड योजना के तहत केंद्रीय पोल्ट्री डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन चंडीगढ़ द्वारा विकसित किए जा रहे चाब्रो स्ट्रेन के मूल स्टॉक का पालन कर रहा है। चाब्रो हाइब्रिड मुर्गियां हैं जो संसाधन-गरीब गांव के वातावरण के अनुकूल हैं। उन्हें मांस और अंडे दोनों प्रदान करने के लिए आनुवंशिक रूप से चुना गया है और वे कृषि और घरेलू कचरे पर जीवित रहने और पनपने में सक्षम हैं, जिसके लिए अतिरिक्त फ़ीड की आवश्यकता नहीं है। चूजे एक स्थानीय ग्रामीण पक्षी की तरह कठोर होते हैं लेकिन फिर भी कई अंडे देते हैं और देसी पक्षी की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ते हैं। इसके अलावा, यह पंख के रंग को बरकरार रखता है, और रोग प्रतिरोधी है।
आधुनिक तकनीक से तैयार किए जा रहे चूज़े :
हिम हैचरी सुंदरनगर में अंडों से चूज़े उत्पादन तक की पूरी प्रक्रिया के लिए आधुनिक तकनीक के सैट्टर और हैचर मशीनरी स्थापित की गई है। एक सैट्टर मशीन की क्षमता 15 हजार होती है और 21 दिन की अवधि के बाद हैचर मशीन से एक बार में 10 हजार से अधिक चूजे तैयार किए जाते हैं। हैचर मशीन से चूज़े तैयार होने पर टीकाकरण पश्चात् डिब्बों में पैक कर विभिन्न जिलों में वितरित कर दिए जातें हैं।

लक्ष्य से अधिक उत्पादन कर कायम की मिसाल :
गौरतलब है कि हिम हैचरी सुंदरनगर पिछले 2 वर्षों से सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य 2,16,000 से अधिक चुज़ो का उत्पादन कर रही है। वर्ष 2021-2022 में 2,26,958 चूज़े तैयार कर समय पर 6 जिलों को वितरित कर दिए गए थे जबकि वर्ष 2022-2023 में 2,37,720 चूज़े वितरित किए गए। साथ ही सरकार की तरफ से 800 किसानों के प्रशिक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। वर्ष 2021-2022 में लगभग 800 तथा वर्ष 2022-2023 में 1000 से अधिक किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। किसानों के अलावा हिमाचल प्रदेश में जितने भी वेटरनरी फार्मासिस्ट संस्थान खोले गए हैं उनके प्रशिक्षुओं को भी 20 दिन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि यदि किसान पोल्ट्री फार्म खोलना चाहते हैं और संबंधित कोई भी जानकारी व सुविधा लेना चाहते हैं तो उन्हें 24 घंटे निशुल्क सुविधाएं प्रदान की जाती है।

किसानों के हित में काम करना हैचरी का उद्देश्य :
राजकीय कुक्कुट प्रजनन प्रक्षेत्र एवं हैचरी सुंदरनगर के पशु चिकित्सक अधिकारी डॉ. कैलाश महाजन ने बताया कि हिम हैचरी सुंदरनगर में चूजों के उत्पादन व वितरण के साथ साथ किसानों, कुक्कुट प्रजनकों व प्रशिक्षुओं को निशुल्क कुक्कुट प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण में हिम हैचरी में चल रही विभिन्न गतिविधियों के बारे में बताया जाता है। हिम हैचरी का उद्देश्य पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सब्सिडी दर पर किसानों को एक दिवसीय चूजें वितरित करना है ताकि किसान अधिक से अधिक मुनाफा कमा सके। चैब्रो नस्ल दोहरे उद्देश्य (dual purpose) वाले चूजें होते हैं अर्थात हाइब्रिड मुर्गियां अंडे भी देती है और मांस के लिए भी प्रयोग में लाई जाती हैं जिससे किसान भी दोगुना मुनाफा कमा रहें हैं।

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