डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ जिला मंडी की वर्चुअल बैठक जिला अध्यक्ष राजेश सैनी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष राजेश सैनी ने कहा कि स्कूल शिक्षा बोर्ड का ध्यान सिर्फ फीस बढ़ाने और धन इकट्ठा करने तक ही सीमित रह गया है। बोर्ड ने दसवीं कक्षा का वार्षिक परीक्षा शुल्क 500 रूपये से बड़ा कर 950 रूपये और 10+2 का वार्षिक परीक्षा शुल्क 600 रूपये से बढ़कर 1150 रूपये कर दिया है। इससे सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के ऊपर अतिरिक्त बोझ डाला गया है। जबकि बोर्ड़ का सारा ऑनलाईन कार्य स्कूलों में अध्यापकों को करना है। राजेश सैनी ने कहा कि बेहद निराशाजनक बात है कि शिक्षा सत्र 2023-24 खत्म होने को आ गया पर शिक्षा बोर्ड बच्चों को पढ़ाये जाने बाले पाठ्यक्रम को भी निर्धारित नही कर पाया। एनसीआरटी (NCERT) ने जहां पाठ्यक्रम में लगभग 30% कटौती की है वही, शिक्षा बोर्ड इस पर आज तक कोई निर्णय नही ले पाया और उस पाठ्यक्रम को पढ़ने के लिये मजबूर कर रहा है जो प्रतियोगिता परीक्षाओं में आयेगा ही नहीं। इससे जेईई और नीट की तैयारी कर रहे छात्रों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
प्रवक्ता संघ की मांग परीक्षा शुल्क को कम करें बोर्ड :
राजेश सैनी ने कहां कि इसलिए स्कूल प्रवक्ता संघ मंडी यह मांग करता है कि बोर्ड बच्चों के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को ध्यान में रखते हुए बढ़ाए गए परीक्षा शुल्क को कम करे और मार्च 2024 में होनी वाली परीक्षा में उस पाठ्यक्रम को हटा दिया जाए जिसे एनसीआरटी
(NCERT) ने हटा दिया है। अगर बोर्ड यह सोचता है कि इस पाठ्यक्रम को पढ़ा दिया गया। तो अब क्या फायदा। ओर अगर पढ़ा दिया गया है तो इससे किसी का कोई नुकसान नही। लेकिन मार्च 2024 में आयोजित होने वाली परीक्षा में इस पाठ्यक्रम से प्रश्न न पुछे जाए और बच्चों के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला ले।