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राहत! 27 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद खुला पंडोह डैम का 2 नंबर गेट, बीबीएमबी प्रबंधन ने ली राहत की सांस

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी – पंडोह (विशाल वर्मा) : 27 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद पंडोह डैम के जाम हुए 2 में से 1 गेट को खोलने में बीबीएमबी प्रबंधन को सफलता मिल गई। गेट नंबर 2 को शाम करीब 7 बजे कड़ी मशक्कत के बाद खोला जा सका। बता दें कि पंडोह डैम के 5 में से 2 गेट भारी मात्रा में सिल्ट जमा हो जाने के कारण जाम हो गए थे। जब प्रबंधन को इस बात का पता चला तो उनके हाथ-पैर फूल गए। चंडीगढ़ से बीबीएमबी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी भी मौके पर पहुंचे और सारी स्थिति का जायजा लिया। शुक्रवार शाम 4 बजे से डैम के गेट खोलने को लेकर जो मशक्कत चली थी वो शनिवार शाम को 7 बजे जाकर पूरी हुई। बीबीएमबी के चीफ इंजीनियर सुनील दत्त शर्मा ने डैम का 1 गेट खोले जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि 1 गेट को खोल दिया गया है जबकि दूसरा गेट टेक्निकलि खुद ही खुल जाएगा। खतरे वाली कोई बात नहीं है। बीबीएमबी प्रबंधन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है।

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हाथों से हटाई सिल्ट, मंगानी पड़ी भारी भरकम मशीनरी :

जाम हुए गेट को खोलने में मजदूरों की अहम भूमिका रही। बांध को एक तरह से खाली करके 3 गेटों से पानी डायवर्ट किया गया और 2 गेटों के पास मजदूरों ने जाकर मैनुअली काम किया और सिल्ट हटाई। इस दौरान इन मजदूरों ने कड़ी मेहनत का परिचय देते हुए जमकर पसीना बहाया और गेट के पास जमा हुई सिल्ट को हटा दिया। इसके बाद 130 वजनी गेट को खोलने के लिए 50-50 टन की दो भारी भरकम मशीनें मौके पर लाई गई थी। कुछ इन मशीनों की पावर से जबकि कुछ डैम के कंट्रोल सिस्टम से इस गेट को खोल दिया गया। इस कार्य के लिए पंडोह के अलावा सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता ई. अजय पाल सिंह व अन्य अधिकारी और सलापड़ तक से अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। एसडीएम सदर ओमकांत ठाकुर ने भी मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लिया और लोगों से न घबराने की अपील की थी।

टैक्निक से खुलेगा गेट नंबर 1, खतरे वाली कोई बात नहीं :

पंडोह डैम के 5 गेट हैं जिनमें से गेट नंबर 1 और 2 जाम हुए थे। हालांकि अभी गेट नंबर 2 को ही खोला गया है लेकिन गेट नंबर 1 खुद ही खुल जाएगा। दरअसल पांचों गेट के बीच एक पार्टिशन दिया गया है। एक तरफ 3 गेट हैं और एक तरफ 2 गेट। अब 3 गेटों से पानी के बहाव को रोककर गेट नंबर 1 और 2 से पानी छोड़ा गया है। यह गेट अपने साथ पानी और साथ वाले गेट की सिल्ट को भी बहाकर ले जाएगा, जिसके बाद गेट नंबर 1 के खुलने की राह आसान हो जाएगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो फिर से मशीनों की मदद से इसे खोलने का प्रयास किया जाएगा।

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