आपदा में काम आए हमारे बनाए हेलीपैड, कांग्रेस पांच साल करती रही आलोचना : जयराम ठाकुर

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डेली हिमाचल न्यूज़ : मंडी

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नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र के कशौड और कशिमलीधार दौरे के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पांच साल कांग्रेस पार्टी और इनके नेता सिर्फ इस बात की आलोचना करते रहे कि मुख्यमंत्री बनते ही जयराम ने सराज में हेलीपैड ही बनाए। आज आपदा के इस संकट में वही हेलीपैड जहां लोगों की जिंदगियां बचाने में काम आए वहीं दर्जनों वायुसेना के हेलीकॉप्टर की उड़ाने राशन और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने में मददगार साबित हुई। पूरे हिमाचल में सबसे दुर्गम विधानसभा क्षेत्र सराज था जहां सड़कों और हवाई सेवा के बिना लोगों का जीवन कभी सरल नहीं होने वाला था। उनकी सरकार ने सड़कें भी बनाई और हर घाटी को बहुत कम लागत वाले हेलीपैड बनाकर हवाई सेवाएं भी शुरू करवाईं। सराज ही नहीं हमने प्रदेश के उन दुर्गम स्थानों पर भी हेलीपैड बनाए जहां पहुंचना कठिन होता था। उस समय कांग्रेस नेता लोगों के बीच खिल्ली उड़ाते रहे लेकिन मैं जनता की पीठ से बोझ उतारने के लिए बचनबद्ध रहा। आज हमें खुशी है कि हमारे बनाए हेलीपैड ही आपात स्थिति के साथ साथ अब सामान्य आवागामन के लिए भी सुविधाजनक हो गए हैं। हर पंचायत तक पक्की सड़कें पहुंची है जिससे लोगों के कृषि और बागवानी उत्पाद तो बाजार तक आसानी से पहुंच रहे हैं और बाजार से घर और सरकारी संस्थान बनाने के लिए जरूरी सामान भी गाड़ियों से पहुंच रहा है। आपदा कहीं भी आ सकती है लेकिन हमें तैयारियों पहले से कर रखनी चाहिए। खेद का विषय है कि इस क्षेत्र में बहुत सी सड़कें अभी भी बंद हैं। सेब बागवानों को सड़कें बहाल न होने से करोड़ों का नुकसान हुआ है। सरकार का अभी भी अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया है। जहां से भी भाजपा के विधायक जीते हैं वहां सरकार ने आपदा के बाद राहत कार्यों में भेदभाव ही किया है। आपदा के दो महीनें बीतने के बाद भी प्रभावितों को सरकार से पूरी सहायता नहीं मिल पाई है। कई परिवारों को पूरा घर तबाह होने के बाद भी पांच-पांच हज़ार रुपए तक की आर्थिक सहायता के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सड़कें बंद होने की वजह से यहां पर राशन भी ख़त्म हो गया था। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मन्त्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और डीसी से बात कर यहां पर हेलीकॉप्टर के माध्यम से राशन की आपूर्ति करवाई लेकिन खेद का विषय है कि सरकार का कोई प्रतिनिधि आज तक यहां लोगों का दर्द सुनने नहीं आया। सिराज विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत कशौड के ग्राम पांदली और ग्राम केंद्र कशौड में आपदा प्रभावित परिवारों से मिलना हुआ। रास्ता बंद होने के वजह इन क्षेत्रों में राशन की कमी का सामना करना पड़ा। मैंने केंद्रीय और राज्य सरकार के नेताओं से अनुरोध किया और हेलीकॉप्टर के माध्यम राहत पहुंची।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इतने दिनों के बाद भी मेरे क्षेत्र में तंबू में रह रहे प्रभावित लोगों को बिजली का कनेक्शन तक नहीं दिया जा सका है। छोटे-छोटे बच्चों और बुजुर्गों के साथ लोग तिरपाल के नीचे रह रहे हैं। बिजली और शौचालय जैसे मूलभूत ज़रूरतों की तत्काल व्यवस्था करने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए है। सरकार और ज़िम्मेदार अधिकारी इन मामलों को मानवीय दृष्टि से स्वयं देखें और जो आवश्यकता है वह उपलब्ध करवाएं। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत कुकलाह के आपदा प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। सिर्फ़ कुकलाह गांव में ही 12 परिवारों के घर पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। कुकलाह पंचायत में आपदा की वजह से चार लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है। जयराम ठाकुर ने मृतकों के परिजनों को अपनी निजी निधि से 25 हज़ार रुपए का आर्थिक सहयोग देने की घोषणा की। इस मौके उनके साथ सराज मंडलाध्यक्ष भागीरथ शर्मा, भाजपा नेता गुलजारी लाल, जिला महामंत्री सोमेश उपाध्याय, जिला परिषद सदस्य रजनी ठाकुर साथ रहे।

राशन, बर्तन और कंबलों की 400 किटें बांटी :

इस मौके पर जयराम ठाकुर ने ग़ैर सरकारी संगठनों के सहयोग से सभी प्रभावित परिवारों को 400 किट के साथ प्रति परिवार 5100 रुपए का आर्थिक सहयोग प्रदान किया, जिसके तहत सभी मौसम के लिए उपयुक्त टेंट, 400 राशन, 400 कंबल और 400 बर्तन के सेट शामिल है।

18 में से सिर्फ़ तीन लोगों को पांच-पांच हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता मिली :

उन्होंने कुकलाह पंचायत के आपदा प्रभावित लोगों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। आपदा के कारण कशिम्बली धार के एक नौजवान की दुःखद मृत्यु भी हुई है। मृतक के परिजन को उन्होंने निजी संचित धन से 25 हज़ार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया। इसके बाद वे सराज के अंर्तगत आने वाले कुकलाल पंचायत की बगनाल, शाडीभेट, लोहशी गांव के आपदा प्रभावित परिवारों से मिले। इन तीनों गांवों में 18 परिवारों के घर बरसात में पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। प्रभावितों ने बताया कि यहां सरकार की तरह से सिर्फ़ तीन लोगों को पांच-पांच हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता मिली है।

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